Page Ranking Signal Update (Roll Out May – 2021)

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क्या आप जानते है आपका पेज एक्सपीरियंस Page Ranking Signal बनने वाला है ?

गूगल अपने एल्गोरिथ्म को बदलता रहता है

एक वर्ष में ना जाने कितने अपडेट अपने एल्गोरिथ्म में करता है इसका मुख्य कारण है यूजर के एक्सपीरिएंस को अच्छा बनाये रखना।

एक खराब पेज एक्सपीरिएंस यूजर के एक्सपीरिएंस खराब करता है

जैसे यूजर को कंटेंट पढ़ने में किसी दिक्कत का सामना करना।

यह दिक्क्त हो सकती है जैसे कंटेंट के फोंट्स बहुत छोटे या बहुत बड़े होना, नेविगेशन बटन का सही तरीके से काम ना करना, कंटेंट में बहुत ज्यादा विज्ञापन का दिखाई देना आदि।

इससे यूजर को डाटा एक्सेस में करने में परेशानी आती है।

एक अच्छा पेज एक्सपीरिएंस को बनाये रखने के लिए गूगल ने आने वाले समय मई 2021 में न्यू पेज एक्सपीरिएंस अपडेट ला रहा है

जो हमारे लिए पेज रैंकिंग सिगनल होगा हालाँकि इसमें कुछ नया नहीं होगा लेकिन अब वक्त आ गया है पेज एक्सपीरिएंस को हाईलाइट करने का जो गूगल के रैंकिंग फैक्टर में अहम माना जायेगा।  

 Page Ranking Signal Kya Hai

गूगल का एल्गोरिथ्म पेज एक्सपीरियंस को लेकर बहुत सटीक हो रहा है ऐसे में हमें अपने पेज की परफॉरमेंस को अच्छा बनाना है अच्छा पेज एक्सपीरियंस ही पेज रैंकिंग सिग्नल है 

गूगल ने 10 नवम्बर 2020 को अनाउंस की गूगल पेज एक्सपीरियंस मई 2021 में लाइव होने जा रहा है जो हमारे लिए पेज रैंकिंग सिग्नल होगा। जिसे ध्यान में रखते हुए आपने अपने ब्लॉग या वेबसाइट के pages को तैयार करना है।

मई 2021 के बाद जो वेबसाइट अच्छा परफॉर्म नहीं करेगी और जिसका पेज एक्सपीरियंस खराब होगा गूगल उसकी रैंकिंग down कर देगा। 

गूगल की गाइडलाइन्स में शामिल पेज एक्सपीरियंस एक अहम भूमिका निभाता हैं। मई 2021 में पेज एक्सपीरियंस रोल आउट होने जा रहा है।

पेज एक्सपीरियंस को अच्छा बनाने के लिए आपको अपने ब्लॉग की performance को इम्प्रूव करना होगा इनमे सात फैक्टर्स है जो गूगल के पेज एक्सपीरियंस पर असर डालेंगे। 

चलिए जानते है…

  • LCP
  • FID
  • CLS
  • Mobile Friendliness
  • Safe Browsing
  • HTTPS
  • No Intrusive Interstitials

1) LCP (Largest Contentful Paint)

यह आपके पेज की लोडिंग स्पीड होती है की आपका पेज लोड होने में कितना समय ले रहा है। गूगल न्यू पेज रैंकिंग सिग्नल कहता है की आपका वेबपेज 2.5 सेकंड के अंदर लोड हो जाना चाहिए।

अपनी वेबसाइट की स्पीड चैक करने के लिए गूगल का Pagespeed insights टूल इस्तेमाल कर सकते है।

2) FID (First Input Deley)

जब यूजर आपकी वेबसाइट पर किसी एलिमेंट या बटन पर क्लिक करता है तो वह कितने समय में रिस्पांस करता है

यह उस बीच के समय को दर्शाता है। यूजर के क्लिक करने के बाद 100 मिलि सेकण्ड्स के अंदर ही एक्शन लेना सही समझा जायेगा। 

3) CLS (Cumulative Layout Shift)

जब किसी यूजर के क्लिक करने पर हमारे वेबसाइट के एलिमेंट इमेज, टेक्स्ट आदि एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होते है वो हमारा सीअलअस कहलाता है।

इसमें कंसीडर होने के लिए यूजर के क्लिक करने के बाद 500 मिलि सेकण्ड्स के अंदर ही लेआउट शिफ्ट हो जाना चाहिए। 

ऐसा ना हो की यूजर ने क्लिक किया लेआउट शिफ्टिंग चलती जा रही है। 

LCP, FID और CLS इन तीनो को मिलाकर Web Vitals भी कहा जाता है जिसका पूरा नाम है Core Web Vitals.

Web Vitals आपको गूगल सर्च कंसोल enhancement रिपोर्ट में देखने को मिल जाएगी। 

4) Mobile Friendly

आपकी वेबसाइट रेस्पॉन्सिव होनी चाहिए ताकि किसी भी डिवाइस में आसानी से परफॉर्म करे।

लगभग 85% users फ़ोन से विजिट करते है ऐसा में अगर आपकी वेबसाइट मोबाइल फ्रेंडली नहीं है तो यूजर का एक्सपीरियंस खराब होगा

जिससे कोई यूजर आपकी वेबसाइट पर आना पसंद नहीं करेगा और आपकी रैंकिंग डाउन होती चली जाएगी।

आपकी वेबसाइट mobile friendly है या नहीं चैक करने के लिए आप गूगल का MOBILE FRIENDLY TEST टूल यूज़ कर सकते है।

यदि आप अपनी वेबसाइट को मोबाइल में लिए तैयार करना चाहते है तो हमारा Mobile SEO गाइड पढ़े। 

5) Safe Browsing 

अगर आपके ब्लॉग में किसी तरह का Security issue आता है जैसे malware, decpective pages, harmful download और uncommon download तो उसे आपको फटाफट फिक्स कर लेना चाहिए।

Malware

जब आपकी वेबसाइट हैक हो चुकी हो। 

Decpective pages

जब आप किसी वेबसाइट से कंटेंट को कॉपी पेस्ट करते है 

Harmful Download 

जब वेबसाइट किसी तरह की एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करने की कोशिश करता है जो यूजर के डिवाइस के लिए हार्मफुल है। 

Uncommon Download 

ऐसी कोई फाइल्स या सॉफ्टवेयर जो आपकी वेबसाइट डाउनलोड करनी की कोशिश करता है जो यूजर के काम की नहीं।

नोट : आम वेबसाइटो में ऐसी issues के आने के chances कम होते है। 

6) HTTPS 

एचटीटीपीअस यूजर की इनफार्मेशन को प्रोटेक्ट करती है यदि आप एक ब्लॉग या वेबसाइट चलाते है तो आपके पास SSL Certificate होना ही चाहिए

क्युकी HTTPS पेज एक्सपीरियंस का अहम हिस्सा बनने जा रहा है। 

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7) No Intrusive Interstitials

यानि जो विज्ञापन अचानक दिखाई देते है। आपकी वेबसाइट पर ऐसे pop-up वाले विज्ञापन नहीं होने चाहिए जो यूजर को कंटेंट को रीड करने में दिक्कत पैदा करते हो।

जैसे कंटेंट को एक्सेस करने से पहले आने वाले pop-up, exit करते समय आने वाले pop-up और डाटा एक्सेस करने के कुछ टाइम बाद आने वाले pop-up.

गूगल का न्यू पेज एक्सपीरिएंस अपडेट इसे अवॉयड करता है। 

न्यू पेज एक्सपीरिएंस अपडेट के लिए अपने पेज को कैसे तैयार करे ?

पेज की perfromance को इम्प्रूव करने के लिए हमे सातो फैक्टर को ध्यान में रख कर अपने पेज को तैयार करना होगा। गूगल सर्च कंसोल में Enhancements वाले सेक्शन में Web Vitals में LCP ,FID और LCS के बारे में रिपोर्ट मिलेगी।

जिसे analize करके हमे पता लगेगा हमारी वेबसाइट किस तरह परफॉर्म कर रही है। फिर उस अकॉर्डिंग आप अपने वेबसाइट में changes करते रहिये। 

आपकी वेबसाइट मोबाइल में सही तरीके से काम रही है या नहीं यह चैक करने के लिए आप गूगल सर्च कंसोल में Mobile Usability वाले सेक्शन में देख सकते है अगर कोई issue आता है

तो वहां आपको पता चल जायेगा। 

About Page Ranking Signal

पूरी उम्मीद है की न्यू पेज एक्सपीरियंस अपडेट जो एक पेज रैंकिंग सिग्नल है आपको समझ में आ गया होगा और हमने जाना वो सात फैक्टर्स जो पेज एक्सपीरियंस पर अपना असर डालते है। 

आशा करता हू की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप अपने वेबसाइट के पेज परफॉरमेंस को इम्प्रूव करने में जुट जाओगे।

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इससे होगा क्या जो ब्लॉगिंग फील्ड में काम कर रहे है उन्हें इससे फायदा मिलेगा। और हमारा शुरू से उदेश्य रहा है ज्यादा से ज्यादा लोगो तक  जानकरी को पहुँचाना।

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