Off Site SEO Kya Hai Or Kaise Kare – (Available Brief Explanation)

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यदि आप हमारे साथ पहले से जुड़े हुए हैं तो आप जानते होंगे हम एसईओ को सभी तरफ से खींचने की कोशिश कर रहे हैं और ऑन साइट एसईओ के बाद Off Site SEO Kya Hai Or Kaise Karte Hai इस पर चर्चा करने वाले है 

ऑफ पेज एसईओ का यदि कोई भी सवाल है तो वह सभी आपको यहाँ मिलने वाले हैं, तो एक कप चाय लीजिये और मैं शुरू करता हूँ 

〉 Off Site SEO Kya Hai

कंटेंट को पब्लिश करने के बाद, करने वाली सभी activity को ऑफ साइट एसईओ कहते हैं इसका एक और नाम है बैकलिंक। “बैकलिंक” ही ऑफ साइट एसईओ पर आधारित है 

ऑफ साइट एसईओ में और भी activities शामिल है जैसे सोशल मीडिया, ब्लॉग सबमिशन, कंटेंट मार्केटिंग, ग्रुप और फ़ोरम्स आदि। आगे इस पर हम चर्चा करेंगे। 

〉 Off Site SEO Kyu Krte Hai 

#1. वेबसाइट के लिए ट्रैफिक –  पहला उदेश्य ही वेबसाइट पर अधिक ट्रैफिक लाना है। वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के लिए कंटेंट को सोशल मीडिया पर अपनी टारगेट ऑडियंस के साथ शेयर किया जाता है 

कंटेंट को सोशल मीडिया पर फ़ैलाने से पहले यह देख ले की क्या वहाँ ऐसे कंटेंट को पढ़ने वाले रीडर है ?

#2. कंटेंट परमोशन के लिए  – क्युकी ऑफ साइट एसईओ की सारी एक्टिविटी कंटेंट को परमोट करने वाली है। कंटेंट पब्लिश करने के बाद यदि आप यह सोचते है की इतना ही काफी है तो नहीं। 

कंटेंट को जब तक आप लोगो तक पहुंचाते नहीं तो यूजर नहीं जान पायेंगे की आपने क्या पब्लिश किया है। सिर्फ सर्च इंजन के भरोसे आप नहीं रह सकते है क्युकी बड़ी से बड़ी वेबसाइट 40% समय कंटेंट लिखने में लगाती है

और 60% उन्हें परमोट करने के लिए अपना समय व्यतीत करती है। 

〉 Off Site SEO Krne Ke Fayde 

#1. सर्च इंजन विजिबिलिटी बढ़ती है – जब आप कॉन्टेंट को अलग-अलग प्लेटफार्म पर शेयर करते हैं जिससे आपकी वेबसाइट की विजिबिलिटी बढ़ती है जिन्हें खोजना आसान है

उदाहरण के लिए जैसे मैंने Pinterst प्लेटफार्म पर मैंने आपकी गूगल एल्गोरिथ्म वाली पोस्ट शेयर की थी अब जब मैं सर्च इंजन में खोजता हू गूगल एल्गोरिथ्म क्या होता है  और इमेज वाले सेक्शन में देखता हू तो मुझे अपनी गूगल एल्गोरिथ्म वाली पोस्ट में इस्तेमाल की गयी 

इमेज रैंक हुईं दिखाई देती है

अब जैसे कोई मेरी इस इमेज पर क्लिक करेगा वह मेरी वेबसाइट पर पहुँच जायेगा। 

#2. सोशल ट्रैफिक – वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के लिए कुछ मेथड है जैसे एड्स चलाना, जिसके लिए भुगतान करना पड़ता है, कंटेंट का  एसईओ करना जो कि बिल्कुल मुफ्त है लेकिन यह मय लेने वाला है जब आपके पास एक मजबूत सोशल कंटेंट रणनीति होती है

फिर चांस होता है वेबसाइट सोशल ट्रैफिक आये।

#3. डोमेन अथॉरिटी बढ़ाने के लिए – जब सोशल प्लेटफार्म पर कोई आपका पोस्ट अधिक पसंद करता है तो वह दूसरों को पढ़ने के लिए भी रेफेर करता है ऐसे में चांस होता है कि वह आपको बैंकलिंक दे।

जब आपको अथॉरिटी वाली वेबसाइट से लिंक मिलते हैं तो वह वोटर का काम करती है जो गूगल को यह इशारा करती है कि यह वेबसाइट मजबूत है। 

ऑफ साइट एसईओ और ऑन साइट एसईओ में क्या अंतर है ?

यह दोनों ही एक दूसरे से अलग है क्युकी ऑन पेज एसईओ कंटेंट की क्वालिटी पर काम करता है और ऑफ पेज एसईओ उस कंटेंट को परमोट करता है इसका एक व्यू देखे ⇓ जो एक दूसरे को अलग दिखाते है :

seo difference

〉 Website Off Site SEO Kaise Kare 

#1. क्वालिटी बैकलिंक बनाये – बैकलिंक बनाना, खरीदना और earn करना इन सभी के आपको अलग अलग रिजल्ट मिलते है अब आपको चुनना है की वेबसाइट के लिया क्या सही होगा।

(a) बैकलिंक्स बनाना : जब आप बैकलिंक बनाते है तो ये परख ले की वेबसाइट की अथॉरिटी है वह कोई स्पैम तरीका नहीं अपनाते। नहीं तो आपकी वेबसाइट भी स्पैम कहलाएगी। क्युकी आपने स्पैम करने वाली वेबसाइट को जोड़ा है।

(b) बैकलिंक्स खरदीना : हम यह क्यों भूल जाते हमे वेबसाइट को रैंक करने पर ज़ोर ना देकर बल्कि अपनी वेबसाइट की कंटेंट पर काम करना है और उनके इम्प्रोव करना है ना की महँगे – महँगे बैकलिंक्स खरीदने है जब आप वेबसाइट को क्वालिटी बनाते है तो आपकी अथॉरिटी बढ़ेगी तो रैंक करना कम मुश्किल होगा।

(c) बैकलिंक्स Earn करना : जब आप क्वालिटी कंटेंट बनाते है तो लोग उन्हें खुद पढ़ने के लिए रेफेर करते है और वेबसाइट को बैकलिंक देते है वह हमारी एअर्निंग बैकंलिंक्स है। 

#2. कंटेंट मार्केटिंग करेयदि आप यह सोचते है की आप सिर्फ एक ब्लॉगर है तो आप काफी कुछ खो रहे है। अपने आप को एक ब्लॉगर तक सीमित ना रखे। क्युकी जब आप ब्लॉग के लिए कंटेंट लिखते तो आप केवल एक ब्लॉगर है 

लेकिन जब आप उसी कंटेंट को सोशल प्लेटफार्म पर शेयर करते और कंटेंट Distribute करते है तो आप कंटेंट मार्केटिंग को बढ़ावा देते है जो आज के समय में जरूरी है

#3. गेस्ट पोस्टिंग करे – दुसरो की वेबसाइट पर कंटेंट लिखना गेस्ट पोटिंग कहलाता है जिसमे आप अपनी वेबसाइट को रेफेर करते है यदि उस वेबसाइट पर विज़िटर ज्यादा आते है 

तो लिंक की वजह से उस वेबसाइट के विजिटर आपकी वेबसाइट आ सकते है। गेस्ट पोस्टिंग यही उदेश्य है एक वेबसाइट के विज़िटर्स को दूसरी वेबसाइट पर भेजना। 

#4. ग्रुप और फ़ोरम्स ज्वाइन करना – जब आप कोई ग्रुप में होते है तब आप एक स्टेज पर खड़े है जिसके सामने बहुत सारी ऑडियंस है सुनने और सुनाने के लिए इस मौके को गवाये नहीं। आप लोगो से बात करते है वह अपनी समस्या बताते है और आप अपनी।

कुछ SEO की फील्ड में नए है तो कुछ को काफी एक्सपीरियंस है और उनसे आप एक रिलेशन बिल्ड करके SEO को और इम्प्रूव कर सकते है लिंक्स ले और दे सकते है।

〈 पढ़ने योग्य अहम पोस्ट 〉

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#5. कमेंट करे – जब आप किसी वेबसाइट पर कमेंट करते है तो गूगल को संकेत जाता है की वेबसाइट पर क्वालिटी कंटेंट मौजूद है जिसे लोग पसंद कर रहे है आप जिस भी वेबसाइट पर कमेंट करते है आप उस वेबसाइट की ऑडियंस को भी encourage कर सकते है और उनकी हेल्प कर सकते है।

आप केवल रेलेवंस वेबसाइट पर ही कमेंट करे, ऐसा नहीं की किसी फ़ूड ब्लॉग पर आप SEO रिलेटेड कमेंट करे जो की एक पागलपन है।

#6. Newsletter और Subscribe – आप वेबसाइट पर इन बटनों को ऐड करके अपनी आने वाली नई पोस्ट की अनाउंसमेंट कर सकते है और इससे अच्छा खासा ट्रैफिक ला सकते है। वर्डप्रेस पर बहुत सारे प्लगइन है जिससे आप यूजर का वेबसाइट पर बेहेवियर को नोटिस कर सकते है 

जिससे आपको आईडिया मिलेगा की आपका अगला कदम क्या होना चाहिए।

ऑफ साइट एसईओ पर आखरी शब्द :

यदि आप यहाँ तक आ गए है तो आप अपने वेबसाइट के लिए बैकलिंक्स बनाने के लिए तैयार है और उन्हें परमोट करके ट्राफिक ला सकते है ऑन साइट SEO उतना ही जरूरी है जितना की SEO कंटेंट राइटिंग करना , हम इसे छोटा नहीं समझ सकते
 
चलो अब आपकी बारी है आप कुछ बोले। आप अपने ब्लॉग के लिए लिंक बिल्डिंग कैसे करते है आपकी क्या रणनीति है ? मुझे कमेंट में बताये।

यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया तो इसे सोशल मीडिया quora, फेसबुक जैसे प्लेटफार्म पर शेयर करना ना भूले और SEO के रोचक पोस्ट पढ़ने के लिए हम फॉलो करे।


〉 Off-Page SEO Common Questions

1. क्या आफ पेज SEO से वेबसाइट रैंक होती है ?

Ans : केवल आफ पेज एसईओ पर आप डिपेन्ड नहीं रह सकते इसके साथ आपको ऑन पेज SEO और टेक्निकल SEO करना भी अहम है।

2. क्या ऑफ पेज एसईओ एक गूगल रैंकिंग फैक्टर है ?

Ans : जी बिल्कुल, यह एक रैंकिंग फैक्टर है।

3. ऑफ पेज एसईओ कौन करता है ?

Ans : एक वेबसाइट का ओनर और ब्लॉगर जो ब्लॉग, वेबसाइट चलाते है।  

4. ऑफ साइट एसईओ का दूसरा नाम क्या है ?

Ans : ऑफ साइट एसईओ का दूसरा नाम बैकलिंक है। 


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This Post Has 4 Comments

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