10+ Motivation Sanskrit Shloks With Hindi Meaning – प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक

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Motivation Sanskrit Shloks : बहुत से लोग इंटरनेट पर “प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक” खोजते रहते हैं जो उन्हें जीवन में अपने लक्ष्य तक पहुंचा सकते हैं और यह आपके लक्ष्य की ओर सही दिशा दिशा दिखा सकते हैं लेकिन उसके लिए उन्हें “Sanskrit Shloks” पर अमल करना होता है उसके बाद ही यह असर करते हैं।

आज पेज जो है Motivation Sanskrit Shloks जिस पर आपको प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक, प्रेरणा देने वाले संस्कृत श्लोक, जागरूक करने वाले संस्कृत श्लोक, लक्ष्य पाने वाले संस्कृत श्लोक पढ़ने को मिलेंगे।

प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक – प्रेरणा देने वाले Sanskrit Shloks

जब हम अपने लक्ष्य की दिशा से भटक जाते हैं या कभी निराश हो जाते हैं या जब हमें कोई असफलता मिलती है तो हमें उससे कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि यह सफलता की पहली सीढ़ी होती है आप हमेशा मोटिवेट रहे इसके लिए हमने कुछ Motivation Sanskrit Shlok शेयर किया है जो आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा दे सकते हैं जिनके हिंदी अर्थ भी शामिल है

Top 10 Motivation Sanskrit Shloks – प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक

1)

त्यजेदेकं कुलस्यार्थे ग्रामस्यार्थे कुलं त्यजेत्।
ग्रामं जनपदस्यार्थे आत्मार्थे पृथिवीं त्यजेत्।

2)

नाभिषेको न संस्कारः सिंहस्य क्रियते वने।
विक्रमार्जितसत्वस्य स्वयमेव मृगेन्द्रता॥

3)

पश्य कर्म वशात्प्राप्तं भोज्यकालेऽपि भोजनम् ।
हस्तोद्यम विना वक्त्रं प्रविशेत न कथंचन । ।

4)

आहार निद्रा भय मैथुनं च सामान्यमेतत् पशुभिर्नराणाम्।
धर्मो हि तेषामधिको विशेष: धर्मेण हीनाः पशुभिः समानाः॥

5)

धर्मज्ञो धर्मकर्ता च सदा धर्मपरायणः।
तत्त्वेभ्यः सर्वशास्त्रार्थादेशको गुरुरुच्यते॥

6)

अलसस्य कुतो विद्या अविद्यस्य कुतो धनम् ।
अधनस्य कुतो मित्रममित्रस्य कुतः सुखम् ॥

7)

विवादो धनसम्बन्धो याचनं चातिभाषणम् ।
आदानमग्रतः स्थानं मैत्रीभङ्गस्य हेतवः॥

8)

यस्य कृत्यं न विघ्नन्ति शीतमुष्णं भयं रतिः । 
समृद्धिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते ॥

9)

उद्योगे नास्ति दारिद्रयं जपतो नास्ति पातकम्।
मौनेन कलहो नास्ति जागृतस्य च न भयम्॥ 

10)

आत्मार्थं जीवलोकेऽस्मिन् को न जीवति मानवः।
परं परोपकारार्थं यो जीवति स जीवति।

11)

शनैः पन्थाः शनैः कन्था शनैः पर्वतलङ्घनम्।
शनैर्विद्या शनैर्वित्तं पञ्चैतनि शनैः शनैः॥

12)

युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु।
युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दु:खहा॥

13)

आढ् यतो वापि दरिद्रो वा दुःखित सुखितोऽपिवा । 
निर्दोषश्च सदोषश्च व्यस्यः परमा गतिः ॥

14)

न ही कश्चित् विजानाति किं कस्य श्वो भविष्यति।
अतः श्वः करणीयानि कुर्यादद्यैव बुद्धिमान्॥

Conclusion : वह Sanskrit Shloks जो आपको आगे बढ़ने के लिए कोई दिशा देते हैं या आगे बढ़ने के लिए आपको जागरूक करते हैं। Motivation & Inspirational Sanskrit Shloks आपको अपने लक्ष्य तक जल्दी पहुंचने में मदद कर सकते हैं प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक पढ़ने के लिए यह पेज अच्छा विकल्प है।

FAQs About Motivation & Inspirational Sanskrit Shloks :

Q1. प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक क्या है ?

Ans : वह संस्कृत श्लोक जो आपको कार्य करने का जोश प्रदान करते हैं या प्रेरणा देते हैं वह “प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक” हैं।

Q2. प्रेरणा देने वाले संस्कृत श्लोक कहां से ढूंढे ?

Ans : आप हमारे इस पेज Motivation & Inspirational Sanskrit Shloks पर प्रेणना देने वाले 100 से अधिक Sanskrit Shloks पढ़ सकते हैं।

Q3. संस्कृत श्लोक का मतलब क्या होता है ?

Ans : कुछ ऐसे तथ्य या कुछ ऐसे शब्द या लाइन जो किसी भाव को प्रकट करते हैं उन्हें श्लोक कहते है यह किसी भी भाषा में हो सकते है।

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