गूगल में उच्च रैंकिंग कौन नहीं चाहता ? सभी चाहते हैं मैं, और आप सभी
तो आज इस पोस्ट में हम गूगल के रैंकिंग फैक्टर बारे में चर्चा करने वाले है जो रैंकिंग के हमेशा से बड़े कारक है इसलिए मैंने यह पोस्ट तैयार की Google’s Ranking Factors In Hindi
Hello’ Bloggers
कुछ अहम बात :
आप जानते होंगे गूगल के 200 से ज्यादा रैंकिंग फैक्टर है और यह हमेशा एक जैसे नहीं रहते। यह बदलाव अपने एल्गोरिथ्म के द्वारा लाते रहते हैं
यह कोई बड़ी बात नहीं लेकिन !
कुछ कारक है जिसे यदि आप अनदेखा करते है तो आपकी रैंकिंग दुविधा में पड़ सकती हैं तो आज मैं इन्ही रैंकिंग फैक्टर्स का खुलासा करने वाला हूँ
तो पहले हम जान लेते हैं सही से…
Google Ranking Factor Kya Hai
यह रैंकिंग फैक्टर का एक बड़ा समूह जिसमे गूगल के छोटे बड़े रैंकिंग फैक्टर मौजूद है गूगल किसी वेबसाइट या ब्लॉग के पोस्ट को 200 से ज्यादा रैंकिंग कारको से गुजारता है फिर उसकी एक रैंकिंग पोजीशन तय होती है।
मालूम हैं मुझे 200 रैंकिंग कारक कम नहीं होते
लेकिन ! मैं आपका समय बर्बाद किये बिना सीधा अहम गूगल रैंकिंग कारको की बात करूँगा।
Google’s Ranking Factors In Hindi
#1. Engaging & Quality Content
सबसे बड़ा रैंकिंग फैक्टर !
गूगल अपने उपयोगकर्ताओं को उनकी मनचाही सामग्री देना चाहता है और वह इसी कोशिश में रहता है यह गूगल का पहला काम है।
इसका एक उदाहरण देता हूं आप एक बेहतर तेल को ढूंढते है अपने खूबसूरत बालों के लिए
ऐसे में गूगल पर कुछ गलत सामग्री दिखाई जाए तो क्या हो सकता है ?
खतरा!
इसीलिए गूगल पर रैंक करने के लिए वेबसाइट को 200 कारको से गुजारा जाता है और परखा जाता है की यह उपयोगकर्ता के लिए काम की है या नहीं।
यदि है तो कितने परसेंट रिलेवेंट हैं
कंटेंट में लिंक्स, Visual, Infographics एंगेजिंग बनाते है जो उपयोगकर्ता को लुभाती है
#2. Freshness
गूगल हमेशा नई सामग्री को ऊपर नहीं लाता
तो फ्रेशनेस का क्या ?
दरअसल यह सामग्री पर निर्भर करती है कि सामग्री किस तरह की है जैसे मैं सर्च करता हूं Best computer table
इन मामलों में सामग्री नई है या पुरानी बहुत ज्यादा मैटर नहीं करता।
अब मैं सर्च करता हू Cryptocurrency news
अब इस मामले में गूगल सबसे पहले नई सामग्री को आगे करता हैं यह निर्भर करता है उपयोगकर्ता क्या खोज रहा है।
#3. Mobile Usability
मैं नहीं चाहता कि आप की रैंकिंग कम हो
मोबाइल चलाने वाले उपयोगकर्ता की मात्रा अधिक है तो जाहिर है उपयोगकर्ता वेबसाइट को मोबाइल में देखेंगे।
वेबसाइट को मोबाइल के लिए तैयार करे, परखे की आपकी वेबसाइट मोबाइल डिवाइस पर कैसी दिखाई देगी।
First Impression Is The Impression
कोई नया उपयोगकर्ता वेबसाइट पर आता है यदि वह आपकी सामग्री पसंद करता है तो 80% चांस है वह दोबारा आएगा (यदि वेबसाइट मोबाइल से एक्सेस की जा सकती है )
अगर ‘वेबसाइट’ मोबाइल पर सही से एक्सेस नहीं होती 80% चांस है वह उपयोगकर्ता आएगा ही नहीं।
आपने खो दिया उसे !
वेबसाइट को मोबाइल डिवाइस के लिए बेहतरीन बनाने के हमारा यह Mobile SEO गाइड पढ़े।
#4. Internal Linking
एक पोस्ट से आप कितनी जानकारी बाँट सकते है ?
ज्यादा नहीं हैं ना ?
इंटरनल लिंक क्लस्टर का काम करती है और वेबसाइट के सभी पेजों को जोड़ कर रखती है यह लिंक्स सर्च इंजन में वेबसाइट की विजिबिलिटी को बढ़ाते हैं और खोज करने में मदद करते है।
जिससे यदि कोई उपयोगकर्ता कोई खोज करता है क्वेरी रिलेवेंट होने आपकी वेबसाइट ऊपर दिखाई जा सकती है।
सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज़ पोस्ट लिखना चाहते है तो यह लेख पढ़े
#5. Page Loading
बहुत बड़ा रैंकिंग कारक नहीं लेकिन छोटा भी नहीं
एक सर्वे से पता चलता है कि वेबसाइट खुलने के लिए उपयोगकर्ता 4 से 5 सेकंड तक इंतजार करता है फिर वह किसी दूसरे की वेबसाइट पर चला जाएगा।
वेबसाइट खुलने पर फर्स्ट स्क्रीन वाला व्यू सबसे पहले लोड होना जरूरी है बाकी नीचे के एलिमेंट्स बाद में हो जाये कोई समस्या की बात नहीं। क्युकी उपयोगकर्ता जब तक नीचे पहुँचेगा तब तक सब लोड हो चुका होगा
(यदि वेबसाइट की लोडिंग स्पीड ठीक-ठाक है )
इसके लिए आपको Core web vitals पर ध्यान देने की आवश्यकता है जो एक पेज रैंकिंग सिग्नल है।
यदि वेबसाइट सिर्फ लोड ही होती रहती है खुलती ही नहीं फिर एक बड़ी समस्या है
इसके कई कारण और कुछ कारक हो सकते है जिससे ऐसा होता है
- Hosting में समस्या
- Theme की समस्या
- CDN में समस्या
- बहुत सारे विज्ञापन
- Javascript में इशू
〈 कुछ पढ़ने योग्य पोस्ट 〉
Crawling & Indexing Issue Kaise Solve Kare-2021 (Step By Step)
Blog Post Likhne Se Pehle Or Baad Mein Kya-Kya Kare (2021)
#6. Up To Date
एक दिन में गूगल में 3 बिलियन से अधिक खोज की जाती है और लाखों ब्लॉग पोस्ट पब्लिश होते हैं।
अच्छा होगा हम अपनी वेबसाइट के लिए एक शेड्यूल बना ले और पुरानी पोस्ट को अपडेट करते रहे
क्यों ! ऐसा क्यों ?
गूगल कंसिस्टेंसी को भी परखता है वह एक एक्टिव ब्लॉग चाहता है ना कि कोई ऐसा ब्लॉग जो महीने में एक ब्लॉग पोस्ट पब्लिश करके भूल जाते हैं गूगल हमेशा नई सामग्री चाहता है।
गूगल के पास आज ब्लॉग कमी नहीं है ब्लॉगिंग में प्रतियोगिता में जीतने के लिए आपको चाहिए आप up to date रहे नहीं तो और भी ब्लॉग है जो गूगल दिखा सकता है।
यदि हम आगे नहीं जा रहे तो पीछे जा रहे है।
#7. Keyword in Title & Description
यदि आपका टारगेट कीवर्ड इस जगह मौजूद होता है तो सर्च इंजन आपके टारगेट कीवर्ड को खोज कर दिखा सकते है यह खोजने में सहायता करते है
एक उदाहरण :
आप सर्च इंजन की मदद करे ताकि वह आपकी सामग्री असानी से खोज सके।
यह उपयोगकर्ताओं को यह बताने का काम करती है कि आपके पोस्ट के अंदर क्या-क्या शामिल है यूँ समझ लीजिये आपको अपना कंटेंट को बाहर से दिखाना है उपयोगकर्ताओं को अंदर खींचने के लिए।
#8. Website Authority
बहुत पुरानी वेबसाइट पहले दिखाई जाएगी ऐसा कौन कहता है ?
पुरानी वेबसाइट authortive नहीं होती उसकी अथॉरिटी तब बनती है जब वह कंसिस्टेंसी से लगातार एंगेजिंग और क्वालिटी कंटेंट देता है और लोग उसे पसंद करते है
बेवकूफ बनने से बचे।
पहले गूगल पर अपना विश्वास बनाये फिर ट्रैफिक की आशा रखे
जब आप लगातार कंटेंट डालते रहते हैं तो आपकी वेबसाइट की एक पक्की नींव बन जाती है और आपकी वेबसाइट के कंटेंट का जाल बिछता चला जाता है यह जाल सर्च इंजन में वेबसाइट की Visibility को बढ़ाता हैं।
#9. Relevancy
Relevency का फायदा :
- एक ब्रांड बिल्ड करने के लिए
- लोगो में विश्वास बनाने के लिए
- नए लोगो जो जोड़ने के लिए आदि।
एक उदाहरण है :
यदि Apple company सैमसंग के फ़ोन बनाने लगे तो क्या होगा ?
चोरी मानी जाएगी, लोगो का विश्वास उठ जायेगा, कम्पनी डूब सकती है
इसलिए वह ज्यादा समय अपने एक ही ब्रांड को और बेहतर बंनाने में लगे रहते है। और आज आपके सामने एप्पल एक International Brand हैं।
एक Niche में काम करे, उसके आस पास उठ रहे सवालो का जवाब दे, कंटेंट लिखे और अपनी टारगेट ऑडियंस को दे।
#10. User Intent
यह जानना आवश्यक है की यूजर की क्वेरी किसलिए है तभी आप उनकी इच्छा को पूरा कर सकते है
यह तीन तरह के है जिससे आप जान सकते है की यूजर क्या चाहता है :
- Informational
- Navigational
- Transactional
Informational Quries : जब उपयोगकर्ता किसी तरह की जानकारी को पाना चाहता है उदाहरण के लिए – what is marsh ?
Navigational : जब उपयोगकर्ता किसी साइट जाने के लिए आया हो ( जो तय है ) उदाहरण के लिए – Backlinko ( वेबसाइट का नाम )
Transactional Activity : जब उपयोगकर्ता कुछ करना चाहता है ( लेनदारी – देनदारी )
उदाहरण के लिए : मैंने सर्च किया buy bed sheet इस पर मुझे सारी buying website दिखाई जाती है
अपने उपयोगकर्ताओं को जाने समझे वो क्यों आते है क्या चाहते है फिर सामग्री तैयार करे।
#11. Keyword Optimization
सर्च इंजन को बताने के लिए आपका टारगेट कीवर्ड क्या है किस पर आप रैंक करने चाहते है उसके लिए अपने कीवर्ड्स को ऑप्टिमाइज़ कीजिये ताकि सर्च इंजन आपकी वेबसाइट को जल्दी खोज सके।
अपने कीवर्ड्स को पोस्ट में :
- कंटेंट के पहले 100 शब्दों में
- Heading, Subheadings में
- Url में
- लास्ट पैराग्राफ में
- टाइटल और डिस्क्रिप्शन में डालें।
एंकर टेक्स्ट को हाईलाइट करे, कॉल तो एक्शन करे।
#12. Website Security (HTTPS Ranking Factor)
आपकी वेबसाइट सिक्योर होनी ही चाहिए गूगल ने एक अपडेट में बोला है यह सभी वेबसाइट के लिए Compulsary है।
Aaj Padha Google’s Ranking Factors In Hindi
सभी वेबसाइट के ओनर के लिए जानना जरूरी था कि गूगल कौन से रैंकिंग फैक्टर का इस्तेमाल करता है जिससे वेबसाइट रैंक होती है
मैंने कोशिश की सभी अहम कारको को बताने की
मैं जानता हूं आज आप आपने कुछ सीखा होगा, जाना होगा
अब बारी आपकी है आप कुछ बोले
मेरे बताए गए कारको को आप ध्यान में रखते हैं ? मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताएं
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