भारत में हर जाति का अपना इतिहास है और वह अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं आज हम भारत के Bishnoi Caste का परिचय देने वाले हैं।
Bishnoi Kon Hote Hai, Bishnoi Caste Category In Hindi और बिश्नोई का इतिहास क्या है, इसके साथ-साथ Bishnoi Gotra के बारे में जानेंगे।
Bishnoi Caste Meaning In Hindi – बिश्नोई जाति के बारे में
आज के समय में भी बिश्नोई जाति और समुदाय के बहुत से लोग भारत के अलग-अलग राज्यों में रहते हैं जैसे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश क्षेत्रों में रहते हैं। विश्नोई समाज की स्थापना जम्भेश्वर ने की थी।
बिश्नोई जाति का विवरण :
वर्गीकरण | वैष्णववाद का उप संप्रदाय और एक जाति |
गुरु | गुरु जम्भेश्वर |
मंत्र | विष्णु विष्णु तू भान रे प्राणि |
धर्मों | हिन्दू धर्म |
बोली – | मारवाड़ी, बागरी, हिंदी, हरियाणवी, पंजाबी |
देश | भारत |
आबादी वाले राज्य | राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश ,पंजाब, गुजरात |
क्षेत्र | पश्चिमी भारत, उत्तर भारत |
जनसंख्या | लगभग 600,000 |
बिश्नोई का शब्द अर्थ :
बिश्नोई शब्द दो शब्दों को मिलकर बना है और इन शब्दों का अर्थ होता है “नियमों का पालन करना”
बिश्नोई समाज की 29 नियम :
जब प्राचीन समय में Bishnoi Community बना था तो उस समय कुल 29 नियम बनाए गए थे, तब से उस समय से लेकर बिश्नोई समाज के लोग इस नियमों का पालन कर रहे हैं। 29 नियमों में सुबह शाम एक बार प्रार्थना करना, पेड़ों को ना काटना, प्रतिदिन सूर्यउदय से पहले स्नान करना, ईमानदारी से रहना, कभी चोरी ना करना, अमावस्या पर व्रत रखना आदि नियम बनाए गए।
बिश्नोई समाज के बारे में जानकारी :
Bishnoi समाज के बारे में हमने बहुत कुछ पढ़ा है जब बिश्नोई समुदाय में कोई भी बच्चा पैदा होता है तो 120 शब्दों का हवन करके उस बच्चे को बिश्नोई समाज का हिस्सा बना लिया जाता है। बिश्नोई समाज में यह भी नियम बनाया गया है यदि कोई महिला महामारी से जूझ रही है तो वह कोई भी पूजा नहीं कर सकती।
Bishnoi Caste History – बिश्नोई समाज का इतिहास
Bishnoi समाज में खेजड़ली बलिदान को हम कभी भुला नहीं पाएंगे।
गुरु जंभोजी द्वारा बिश्नोई समाज के लिए 29 नियम बनाए गए थे, जैसे बच्चा पैदा होने पर 120 शब्दों का हवन पढ़ना, पेड़ों को ना काटना उनकी देखभाल करना, हमेशा नियमों का पालन करना, खेजड़ली नामक गांव में अमृता देवी के साथ मिलकर कुल 363 लोगों ने राजा के सैनिकों को पेड़ ना काटने की अनुमति दी थी, इसके लिए खेजड़ली ने अपनी खुद की कुर्बानी दी।
Bishnoi Caste Gotra – बिश्नोई समाज के गोत्र :
Bishnoi हिंदू समाज का एक ही गोत्र है, जिस के संस्थापक का नाम गुरु जंभोजी था, जिन्होंने बिश्नोई समाज के लिए नियमों को बनाया था और बिश्नोई समाज के लोगों उन नियमों पर चलने के बारे में बताया। बिश्नोई समाज के अधिकतर लोग जाट थे बिश्नोई समाज के नियमों का पालन करने वाले को Bishnoi” कहां गया है।
बिश्नोई समाज के गोत्र इस प्रकार हैं :-
- सियाक(सियाग ,सियाख ,सिहाग)
- सिसोदिया
- सिंघल (सिंगल,सिंगला सिंहला)
- सेंवर(सिंवर)
- सियोल (सिंवल)
- सिवरखिया
- सिरडक
- सेरडिया
- सेवदा
- सेहर (शेर)
- सेधो( सेथो)
- सेंगडा
- सोढा
- सोलंकी
- सोनक (सुनार)
- शांक
- शाह
- हरीजा
- हाडा (उदावत,बलावत,भोजावत)
- हरिया
- हरिवासिया
- हुमडा
- बंसल
- बदिया
- बल्हाकिया
- बागेशु
- बाकेला
- बाघेला
- बनारवाल (अहीर )
- बिच्छू
- बिडासर
- बिलाद
- बिडाल
- बिडग
- बिडियाराझ
- बिडार
- बिलोनिया
- बिलोडिया
- बुडिया
- भवाल
- भट्ट
- भिलुमिया भींचर
- भोजावत
- भोडिसर
- भोछा
- भूरटा
- भूरंट
- भुट्टा
- भूल
- भूश्रण
- मंडा
- मतवाला
- महिया (मईया)
- मल्ला
- मारत
- मांजू
- मील
- मीठातगा
- मुरटा
- मुंडेल
- मुदगिल
- मुरिया(मावरिया)
- मुंढ
- मेहला
- मेवदा
- मोहिल
- मोगा
- रशा
- रूबाबल
- खोडा
- रोहज
- रोझा
- रोड
- लटियाल
- लरियाल
- लाम्बा
- लुदरिया
- हुड्डा
FAQs About Bishnoi Caste In Hindi :
Q1. भारत में विश्नोई जाति के लोगों की जनसंख्या कितनी है ?
Ans : भारत में बिश्नोई जाति के लोगों की जनसंख्या 600,000 है।
Q2. विश्नोई जाति के लोग के पवित्र मंदिर कौन से थे ?
Ans : मुकम, नोखां में बिश्नोई मंदिर
Siyak ko chhodkar dusre gotra ke naam maine kabhi nahi sune mein bhi bhisnoi hu sab nakli naam h