Bhardwaj Gotra Meaning In Hindi – भारद्वाज गोत्र के बारे में

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Bhardwaj Gotar के बारे में आपको मध्यकालीन पुराण में इसका उल्लेख मिल जाएगा, इस पोस्ट के माध्यम से हम Bhardwaj Gotra Ke Baare Me विस्तार में पढ़ने वाले हैं। Bhardwaj Kon Hote Hai, Bhardwaj Gotar Ki Kuldevi Kon Hai, और Bhardwaj Gotar Ke Kuldevta Kon Hai ?

Bhardwaj Gotra Meaning In Hindi – भारद्वाज गोत्र के बारे में

Bhardwaj Gotra Definition : प्राचीन समय में भारत में कई ऋषि थे जिन्होंने भारद्वाज गोत्र के बारे में बहुत कुछ लिखा है “अंगिरावंशी” भारद्वाज के पिता का नाम बृहस्पति और माता का नाम ममता था। बृहस्पति ऋषि का अंगिरा के पुत्र होने के कारण वह वंश Angira Ka Vansh कहलाया।

Rishi Bhardwaj ने कई ग्रंथों की रचना की है जो आज के समय में भी बहुत प्रचलित है उदाहरण के लिए “यंत्र सर्वस्व” और “विमानशास्त्र” .

About Bhardwaj Rishi :

पदवीहिंदु ऋषि
प्रसिद्धि कारणहिंदू ग्रन्थों और वेदो के रचयिता
धार्मिक मान्यताहिंदु
बच्चे द्रोण ((पुत्र), गर्ग, इलविदा, कात्यायनी
पिताबृहस्पति
माताममता

History Of Bhardwaj Gotra – भारद्वाज गोत्र का इतिहास

भारद्वाज ऋषि प्राचीन काल के बहुत पुराने ऋषि थे. चरक संहिता के अनुसार उन्होंने इंद्र देवता से आयुर्वेद के बारे में ज्ञान पाया था। Bhardwaj Rishi ने व्याकरण का ज्ञान भी इंद्र से प्राप्त किया और भारद्वाज ऋषि को महर्षि भृगु ने उन्हें धर्मशास्त्र के उपदेश दिए थे।

ऋषि भारद्वाज ने प्रयाग भी बसाया था प्रयाग में उन्होंने सबसे बड़े विश्वविद्यालय की स्थापना की थी, भारद्वाज ऋषि लगभग कई साल तक शिक्षा दान करते रहे। ऋषि भारद्वाज के वंशज भारद्वाज कहलाते हैं।

Bhardwaj Rishi रचयिता :

महर्षि भारद्वाज व्याकरण, धनुर्वेद, राजनीतिशास्त्र, यंत्रसर्वस्व, अर्थशास्त्र, आयुर्वेद संहित, पुराण, शिक्षा जैसे बहुत से ग्रंथ के रचयिता थे, जिसमें से यंत्र सर्वस्व और विमानशास्त्र सबसे प्रचलित रचना थी।
वायुपुराण के अनुसार उन्होंने आयुर्वेद पुस्तक संहिता भी लिखी, जिसे 8 भागों में विभाजित किया गया और शिष्यों को उसके बारे में सिखाया गया।

भारद्वाज गोत्र की कुलदेवी कौन है उनका नाम ?

Bhardwaj Gotra Ki Kuldevi का नाम बन्धुकशानिदेवी था जिन्हे श्रीमाता के नाम से भी जाना जाता है।

भारद्वाज गोत्र की शाखा के बारे में :

Bhardwaj Gotra Ki Shakha माध्यन्दिनीय है

Bhardwaj Gotra Pravara – भारद्वाज गोत्र के प्रवर

भारद्वाज गोत्र के तीन प्रवर है :

  • आंगिरस प्रवर
  • बार्हस्पत्य प्रवर
  • भारद्वाज प्रवर

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